Top
Begin typing your search above and press return to search.
वह तोड़ती पत्थर

वह तोड़ती पत्थर

- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर-वह तोड़ती पत्थर। कोई न छायादारपेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;श्याम तन, भर बंधा...

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it